Indicators on Hindi kahani You Should Know

विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा।

इस प्रकार राजू की एक नई क्रिकेट टीम तैयार हो गई।

कोई बच्चा गलती से उस गली में निकल जाता तो , उसके हाथों से खाने की चीज छीन कर भाग जाता ।

अब तो तू get more info कहीं दिखलाई भी नहीं देता! मालूम होता है, इस गाँव में रहना नहीं चाहता।”

आवेग और स्वयं की गलती का फल खुद को तो भोगना पड़ता ही है , साथ में दूसरे लोग भी उसकी सजा भुगतते हैं।

चुनमुन के बच्चों ने उड़ना सिखाने के लिए तंग कर दिया।

ना मेरी बच्ची तेरे इन आंसुओं का जिम्मेदार मैं हूँ।मुझे माफ कर दे!" पढ़ें

वह भी सड़क पर उछलने लगे जिससे सड़क को और चोट लगे।

तेनालीराम और सोने के आम – तेनालीराम की कहानी

इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी

अचानक हिरण का झुंड तालाब में पानी पीने आया। ढेर सारी हिरनिया अपने बच्चों के साथ पानी पीने आई थी।

पिंटू उसे अपने सूंढ़ से ऊपर खींचने की कोशिश करता। मगर उसकी कोशिश नाकाम रहती।

वह गाय इतनी प्यारी थी, मोती को देखकर बहुत खुश हो जाती ।

मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत बन जाती है।

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